18_November_Black_Day
18 November को ऐसा क्या हुआ जो हम उसको Black Day का नाम दे रहे हैं।
आइये जानते हैं क्या है Black Day
दोस्तो,Black Day यानि कि Barvala kand
अब बात आती है कि Barvala kand क्या है।
आईये जानते हैं क्या है Barvala kand.
Barvala kand related है Saint Rampal ji maharaj से।
Who is sant Rampal ji maharaj ?
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ये वही संत रामपाल जी महाराज है जिन्होंने
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एक राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण किया, सामाजिक कुरुतियों को नष्ट किया
नशा मुक्त भारत, दहेज मुक्त भारत और रिश्वत खोरी मुक्त बुराई रहित समाज का निर्माण किया।
और शास्त्रों के अनुसार ज्ञान दिया।
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जो कि ये बात कुछ धर्मगुरूओं के गले न उतरी ।
और करवा दिया Barvala kand.
दरअसल बरवाला कांड की जड़ हैं आर्य समाजी
क्योंकि संत रामपाल महाराज ने सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक का पोस्टमार्टम किया । जो इस प्रकार है
देखे
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ये सच बातें आर्यसमाजियों के गले नहीं उतरी।
और आज समाज के तथाकथित ठेकेदारों ने सोचा कि कहीं इस बात का समाज को ज्ञान न हो जाए कि सत्यार्थ प्रकाश में ऐसी निराधार बातें लिखी गई है जिससे इस पुस्तक से आने वाले कमाई खत्म न हो जाए
इस प्रकार इस कारण से उन्होंने सतलोक आश्रम करौंथा पर हमला बोल दिया ।
देखे
https://youtu.be/AgG7WPO3YBM
इस हमले मे एक मौत हो गई। और इसका कसूरवार संत रामपाल जी महाराज को बना दिया गया ।
और करौंथा आश्रम को सील कर दिया गया
जबकि करौंथा पर हमला करने वाले उपद्रवियों को पचास पचास हजार ₹ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनाम पर दिए ।
हरियाणा सरकार ने सिरे से नकारते हुए अपने राजनीतिक स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए आश्रम संत रामपाल जी को देने से इनकार कर दिया।
जिस कारण से हरियाणा सरकार पर अदालत की अवमानना का केस बना दिया ।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी संत रामपाल जी के पक्ष को मजबूत समझते हुए उनके आश्रम को बाइज्जत लौटाने का आदेश दिया ।
संत रामपाल जी महाराज को इक्कीस महीने बिना किसी अपराध के बिना किसी सबूत के जेल में रहने के बाद जमानत हुई।
किसी प्रकार फिर से उन्होंने बरवाला में आश्रम बनाकर सत्संग शुरू किया ।
इसके बाद सात अप्रैल 2013को सतलोक आश्रम वापस मिल गया
लेकिन केस लगातार चलता रहा ।
इसके बाद तारीख पर तारीख लगती रही
और
और आज समाज के तथाकथित ठेकेदारों ने सोचा कि कहीं इस बात का समाज को ज्ञान न हो जाए कि सत्यार्थ प्रकाश में ऐसी निराधार बातें लिखी गई है जिससे इस पुस्तक से आने वाले कमाई खत्म न हो जाए
इस प्रकार इस कारण से उन्होंने सतलोक आश्रम करौंथा पर हमला बोल दिया ।
देखे
https://youtu.be/AgG7WPO3YBM
इस हमले मे एक मौत हो गई। और इसका कसूरवार संत रामपाल जी महाराज को बना दिया गया ।
और करौंथा आश्रम को सील कर दिया गया
जबकि करौंथा पर हमला करने वाले उपद्रवियों को पचास पचास हजार ₹ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनाम पर दिए ।
हरियाणा सरकार ने सिरे से नकारते हुए अपने राजनीतिक स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए आश्रम संत रामपाल जी को देने से इनकार कर दिया।
जिस कारण से हरियाणा सरकार पर अदालत की अवमानना का केस बना दिया ।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी संत रामपाल जी के पक्ष को मजबूत समझते हुए उनके आश्रम को बाइज्जत लौटाने का आदेश दिया ।
संत रामपाल जी महाराज को इक्कीस महीने बिना किसी अपराध के बिना किसी सबूत के जेल में रहने के बाद जमानत हुई।
किसी प्रकार फिर से उन्होंने बरवाला में आश्रम बनाकर सत्संग शुरू किया ।
इसके बाद सात अप्रैल 2013को सतलोक आश्रम वापस मिल गया
लेकिन केस लगातार चलता रहा ।
इसके बाद तारीख पर तारीख लगती रही
और
18 November 2014 का वो दिन जो इतिहास में Black day के नाम से दर्ज है।
जब संत रामपाल जी के अनुयायी शांतिप्रिय आश्रम के बाहर बैठकर जजों की जवाबदेही तय हो , हिंदुस्तान में चल रहे अदालतों की वीडियो रिकॉर्डिंग हो तथा उन पर चल रहे सभी केसों की C.B.I जांच हो
इन सब की मांग कर रहे थे
तभी हरियाणा सरकार और पुलिस ने मिलकर बरवाला में कत्ले आम कर दिया
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बरवाला कांड का सच
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